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सोमवार, 19 मई 2014

लालकिले से (भाग-101)- लोकसभा चुनाव के चार टर्निंग प्वाइंट : मोदी की पटना सभा में बम विष्फोट, मणिशंकर अय्यर का मोदी के चाय बेचने के अतीत का मजाक उड़ाना, मोदी की बोटी बोटी करने वाला वीडियो और प्रियंका के नीच राजनीति वाले बयान ने कांग्रेस विरोध की आग को और भडक़ा दिया



सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में बेतहाशा बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, राजनीतिक नेतृत्व का अभाव और पालिसी पेरालिसीस के मुददे यूपीए सरकार के खिलाफ गए। इसके अलावा चुनाव के दौरान हुई ये चार घटनाएं टर्निंग प्वाइंट साबित हुईं। इन्होंने आग में घी का काम किया। ये घटनाएं थीं पटना में मोदी की सभा में बम विष्फोट और उस पर राजनीति, मणिशंकर अय्यर का मोदी के चाय बेचने के अतीत का मजाक उड़ाना, सहारनपुर से मोदी की बोटी-बोटी करने वाला वीडियो सामने आना और प्रियंका गांधी का नीच राजनीति वाला बयान। इनमें से बम धमाके और बोटी-बोटी वाले बयान से धार्मिक और सामाजिक ध्रुवीकरण किया तो चाय वाले का मजाक और नीच राजनीति वाले बयान को मोदी ने पिछड़े बनाम अमीर राजघराने की लड़ाई में बदल दिया।
पटना की सभा में धमाके पर राजनीति  महंगी पड़ी
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पटना के गांधी मैदान में मोदी की हुंकार रैली के पहले और रैली के दौरान आंतकियों के बम विष्फोट और उसके बाद केन्द्र और राज्य की नीतिश सरकार का उस पर राजनीति करना लोगों को पसंद नहीं आया। देश की जनता ने यह भी देखा की सुरक्षा एजेंसियों की मनाही के बावजूद मोदी सभा स्थल पर आए। कारण कि वहां 5 लाख से भी अधिक भीड़ थी। सभा के दौरान धमाके हुए। मोदी के चेहरे पर पसीना था पर उन्होंने किसी को भी धमाके होने का अहसास नहीं होने दिया। रूमाल निकालकर पसीना पोछा और भाषण पूरा किया और सारी जनता से ये वादा लिया कि वे शांति के साथ अपने जाएंगे। कोई विवाद नहीं करेंगे। इसमें सारे देश ने देखा कि मोदी ने बतौर एक लीडर विपरीत परिस्थितियों से लोगों को निकाला। इसका अच्छा संदेश गया। इससे जनता को यह भी लगा कि देश के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को पाक समर्थित आतंकी उड़ाना चाहते हैं और नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं। यह देश की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। केन्द्र और राज्य ने मोदी की सुरक्षा में लापरवाही बरती थी। लिहाजा मोदी के पक्ष में देश और खासकर बिहार में इससे सकारात्मक माहौल बना। नीतिश, लालू और कांग्रेस को इससे काफी नुकसान हुआ।

मणिशंकर का चाय वाला बयान कांग्रेस को भारी पड़ा
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कांग्रेस वर्किग कमेटी की बैठक से पहले कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी का यह कहकर मजाक उड़ाया था कि अगर मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने तो उन्हें कांग्रेस वर्किग कमेटी के बाहर एक स्टाल दे दिया जाएगा वे आकर वहां चाय बेचें। इस बयान पर कांग्रेस की खूब भद पिटी। कांग्रेस ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया लेकिन मध्यम और निचले वर्ग में इसका गलत संकेत गया। भारत में आज भी अपनी मेहनत और ईमानदारी से गरीबी पर संघर्ष पर सफलता पाने वाले को समाज सम्मान से देखता है। इसलिए मोदी पर मणिशंकर का यह बयान कांग्रेस को काफी महंगा पड़ा। इस बयान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा ने देश भर में मोदी टी स्टाल और चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रम आयोजित किए। इसके माध्यम से मोदी और भाजपा कार्यकर्ताओं ने लाखों लोगों से संपर्क किया। यानी बोनस।

इमरान मसूद के वीडियो से यूपी में धुवीकरण की शुरूआत

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पश्चिमी उत्तरप्रदेश में चुनाव से प्रहले सहारनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद का एक वीडियो सामने आया। इसमें वे लोगों से कह रहे थे - ये यूपी है, यहां चालीस प्रतिशत मुसलमान हैं। मोदी की बोटी-बोटी करके रख देंगे। खैर कांग्रेस ने यह कर अपना बचाव करने की कोशिश की कि यह वीडियों कुछ दिन पुराना है। उस समय इमराज मसूद सपा में थे। दरअसल ये वीडियो खुद मसूद ने मुस्लिम वोटों के अपने पक्ष में ध्रवीकरण के लिए बनवाया था और सोश्यल मीडिया पर अपलोड करवा दिया। कारण कि वीडियो बनाने वाला लडक़ा उसीके मोहल्ले में रहता है। चुनाव के दौरान उसे दिल्ली में छुपा दिया गया था। लेकिन यह वीडियो बूमरेंग कर गया। इससे मुस्लिमों के बजाय हिन्दुओं का ध्रुवीकरण आरंभ हो गया। यह सब ऐसे समय में हुआ जब मुजफ्फरगनगर सहित करीब सवा सौ दंगों के कारण यूपी पहले से ही धु्रवीकरण की आग में झुलस रहा था।

प्रियंका का मोदी पर नीच राजनीति का आरोप
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प्रियंका गांधी का यह कहना कि मोदी नीच राजनीति करते हैं कांग्रेस के लिए घातक हुआ। भारत में नीच शब्द जातिसूचक उपमा ही है। इसे आप किसी भी संदर्भ में कहें। मोदी ने इस पर पलटवार करते हुए खुद को पिछड़ा और दलित कार्ड खेल दिया। कांग्रेस बाद में भले ही कहती रही की नीच राजनीति का अर्थ जाति से नहीं है। उन्होंने इस लड़ाई को पिछड़े, दलित, गरीब, आम आदमी बनाम राजपरिवार बना दिया।

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