१गुजरात सरकार का वह पत्र जिसमें शंकरसिंह वाघेला ने अडानी को 1 रूपए वर्गमीटर की दर से जमीन दी है। |
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राहुल गांधी से कांग्रेसी गलत भाषण दिलवा रहे हैं। वे गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने उद्योगपति गौतम अडानी को टाफी के दाम यानी 1 रूपए वर्ग मीटर में जमीन दी है। अडानी को सचमुच 1 रूपए और इससे कम में यानी 10 पैसे वर्गमीटर में भी जमीन मिली है। लेकिन उस दौरान गुजरात में कंाग्रेस के गठबंधन और समर्थन वाली सरकारें थी।
गौतम अडानी को सबसे पहले 1993 में चिमनभाई पटेल ने 10पैसे प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन दी। तब राज्य में जनता दल और कांग्रेस की सरकार थी। इसके बाद 1997 में शंकरसिह वाघेला ने टाफी माडल यानी 1रूपए प्रति वर्गमीटर में 300 एकड जमीन दी। इसके बाद 1999 में भाजपा के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने 10 रूपए 50 पैसे वर्ग मीटर की दर से २००० एकड़ जमीन पोर्ट के लिए और 2005 में भाजपा के ही मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1763 एकड़ जमीन 25 रूपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से दी थी। मोदी 3225 एक जमीन 14 रूपए 50 पैसे प्रति वर्ग मीटर की दर से भी दी। इस बात को खुद अडानी भी स्वीकार करते हैं।
अडानी को सबसे महंगी जमीन मोदीराज में
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१. 1993 - सबसे पहले जमीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल ने 2000 एकड़ जमीन दी। कुल जमीन 10 पैसे प्रति वर्गमीटर तो कुछ 1 रूपए 5 पैसे प्रति वर्ग मीटर की दर से लीज पर दी थी। इस दौर चिमनभाई जनता दल और कांग्रेस की गठबंधन सरकार चला रहे थे।
२. 1997 - कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने शंकरसिंह वाघेला ने 31 जनवरी 97 को अडानी को पोर्ट के लिए 300 एकड़ यानी लगभग 1214058 वर्गफीट जमीन 1 रूपए प्रति वर्गमीटर के दाम पर दी।
३. 1999- भाजपा के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने उन्हें 10 रूपए 50 पैसे प्रति वर्ग मीटर की दर से पोर्ट बनाने के लिए करीब २००० एकड़ जमीन दी थी।
४. 2006 - भाजपा के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल ने 25 जून 2006को हुई केबिनेट की बैठक में 1763 एकड़ जमीन 25 रूपए प्रति वर्गमीटर के देने का फैसला किया गया। इसका आदेश 29 जून 2006 को निकाला गया। राजस्व विभाग के उप सचिव बीए पाठक ने केबिनेट को मंजूरी के लिए जो नोट भेजा था उसमे सरकारी नीति के अनुसार जमीनों के लिए अलग-अलग सवा चार रूपए, 6 रूपए और 25 रूपए प्रति वर्गमीटर दाम वसूलने की सिफारिश की गई थी। (देखें केबिनेट नोट) केबिनेट ने सभी जमीनों के दाम 25 रूपए कर दिए।
जैसा कि खुद गौतम अडानी बताते हैं कि उन्होंने सरकार से 10 हजार एकड़ जमीन मांगी थी और सरकार ने उन्हें 5 हजार एकड़ जमीन ही दी। यानी लगभग सवा तीन हजार एकड़ जमीन उन्हें 15 रूपए वर्गमीटर की दर से मिली है।
साथ में लगे दस्तावेजों का परिचय
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१. गुजरात सरकार का वह पत्र जिसमें शंकरसिंह वाघेला ने अडानी को 1रूपए वर्गमीटर की दर से जमीन दी है।
२. मोदी केबिनेट के फैसले के आधार पर निकाला गया गुजरात सरकार का आदेश जिसमें अडानी को 25 रूपए प्रति वर्गमीटर की दर से एसईजेढ के लिए जमीन देने की सिफारिश की गई है।
३. राजस्व विभाग के उप सचिव का केबिनेट को भेजा गया पत्र जिसमें उन्होंने सरकारी नीतियों के अनुसार इसी जमीन के लिए सवा चार रूपए से लगाकर 25रूपए वर्गमीटर की तीन अलग-अलग कीमतें दी हैं।
चिमनभाई पटेल
ने तो १० पैसे प्रति वर्गमीटर यानी राहुल भैया की भाषा में शक्कर गोली
के भ्भाव में में दे दी थी जमीन, आडानी को सबसे महंगी जमीन मोदी ने दी
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राहुल गांधी से कांग्रेसी गलत भाषण दिलवा रहे हैं। वे गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने उद्योगपति गौतम अडानी को टाफी के दाम यानी 1 रूपए वर्ग मीटर में जमीन दी है। अडानी को सचमुच 1 रूपए और इससे कम में यानी 10 पैसे वर्गमीटर में भी जमीन मिली है। लेकिन उस दौरान गुजरात में कंाग्रेस के गठबंधन और समर्थन वाली सरकारें थी।
गौतम अडानी को सबसे पहले 1993 में चिमनभाई पटेल ने 10पैसे प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन दी। तब राज्य में जनता दल और कांग्रेस की सरकार थी। इसके बाद 1997 में शंकरसिह वाघेला ने टाफी माडल यानी 1रूपए प्रति वर्गमीटर में 300 एकड जमीन दी। इसके बाद 1999 में भाजपा के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने 10 रूपए 50 पैसे वर्ग मीटर की दर से २००० एकड़ जमीन पोर्ट के लिए और 2005 में भाजपा के ही मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1763 एकड़ जमीन 25 रूपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से दी थी। मोदी 3225 एक जमीन 14 रूपए 50 पैसे प्रति वर्ग मीटर की दर से भी दी। इस बात को खुद अडानी भी स्वीकार करते हैं।
अडानी को सबसे महंगी जमीन मोदीराज में
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मोदी केबिनेट के फैसले के आधार पर निकाला गया गुजरात सरकार का आदेश जिसमें अडानी को 25 रूपए प्रति वर्गमीटर की दर से एसईजेढ के लिए जमीन देने की सिफारिश की गई है। |
१. 1993 - सबसे पहले जमीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल ने 2000 एकड़ जमीन दी। कुल जमीन 10 पैसे प्रति वर्गमीटर तो कुछ 1 रूपए 5 पैसे प्रति वर्ग मीटर की दर से लीज पर दी थी। इस दौर चिमनभाई जनता दल और कांग्रेस की गठबंधन सरकार चला रहे थे।
२. 1997 - कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने शंकरसिंह वाघेला ने 31 जनवरी 97 को अडानी को पोर्ट के लिए 300 एकड़ यानी लगभग 1214058 वर्गफीट जमीन 1 रूपए प्रति वर्गमीटर के दाम पर दी।
३. 1999- भाजपा के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने उन्हें 10 रूपए 50 पैसे प्रति वर्ग मीटर की दर से पोर्ट बनाने के लिए करीब २००० एकड़ जमीन दी थी।
राजस्व विभाग के उप सचिव का केबिनेट को भेजा गया पत्र जिसमें उन्होंने सरकारी नीतियों के अनुसार इसी जमीन के लिए सवा चार रूपए से लगाकर 25रूपए वर्गमीटर की तीन अलग-अलग कीमतें दी हैं। |
४. 2006 - भाजपा के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल ने 25 जून 2006को हुई केबिनेट की बैठक में 1763 एकड़ जमीन 25 रूपए प्रति वर्गमीटर के देने का फैसला किया गया। इसका आदेश 29 जून 2006 को निकाला गया। राजस्व विभाग के उप सचिव बीए पाठक ने केबिनेट को मंजूरी के लिए जो नोट भेजा था उसमे सरकारी नीति के अनुसार जमीनों के लिए अलग-अलग सवा चार रूपए, 6 रूपए और 25 रूपए प्रति वर्गमीटर दाम वसूलने की सिफारिश की गई थी। (देखें केबिनेट नोट) केबिनेट ने सभी जमीनों के दाम 25 रूपए कर दिए।
जैसा कि खुद गौतम अडानी बताते हैं कि उन्होंने सरकार से 10 हजार एकड़ जमीन मांगी थी और सरकार ने उन्हें 5 हजार एकड़ जमीन ही दी। यानी लगभग सवा तीन हजार एकड़ जमीन उन्हें 15 रूपए वर्गमीटर की दर से मिली है।
साथ में लगे दस्तावेजों का परिचय
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१. गुजरात सरकार का वह पत्र जिसमें शंकरसिंह वाघेला ने अडानी को 1रूपए वर्गमीटर की दर से जमीन दी है।
२. मोदी केबिनेट के फैसले के आधार पर निकाला गया गुजरात सरकार का आदेश जिसमें अडानी को 25 रूपए प्रति वर्गमीटर की दर से एसईजेढ के लिए जमीन देने की सिफारिश की गई है।
३. राजस्व विभाग के उप सचिव का केबिनेट को भेजा गया पत्र जिसमें उन्होंने सरकारी नीतियों के अनुसार इसी जमीन के लिए सवा चार रूपए से लगाकर 25रूपए वर्गमीटर की तीन अलग-अलग कीमतें दी हैं।