कोबरा पोस्ट स्टिंग आपरेशन का एक तथ्य पूरे आपरेशन पर ही संदेह कर रहा है। इसमें कहा गया है कि रामजन्मस्थान पर बने बाबरी ढांचे को तोडऩे के लिए लक्ष्मण सेना बनाई गई थी। और इस सेना को अहमदाबाद से सरखेज में १९९२ में प्रशिक्षण दिया गया था। सरखेज पूरी तरह से मुस्लिम बहुल इलाका है और इसे मिनी पाकिस्तान भी कहा जाता है। ऐसे में इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि मुस्लिम बहुल इलाके में ३८ बजरंगियों को प्रशिक्षण दिया गया। ऐसा नहीं है कि यहां हिन्दू आबादी नहीं है पर मुस्लिमों की बसाहट ऐसी है कि कोई भी चीज उनकी नजर से बच ही नहीं सकती। यानी ये स्टिंग किसी विश्व हिन्दू परिषद वाले ने ही करवाया है।
मैं पेशे से पत्रकार-संपादक। मालवा की माटी में रचे-बसे इंदौर से पत्रकारिता का ककहरा सीखा। मध्यप्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, गुजरात और छत्तीसगढ़ की खाक छानने के बाद अभी ठिकाना फिर से अपुन के इंदौर में । पिछले २ वर्षों से यहीं लंगर लगाए हैं। अगली मंजिल की तलाश हमेशा की तरह बदस्तूर जारी। संप्रति- स्थानीय संपादक डीबी स्टार इंदौर। यह दैनिक भास्कर समूह का टेबुलाइट और प्रीमियम प्रोडक्ट है। नोट- लाल किले से शीर्षक के तहत और फेसबुक पर लिखे गए लेख मेरे निजी विचार हैं। इन पर मेरा कापीराइट है
Translate
शनिवार, 5 अप्रैल 2014
लालकिले से (भाग-57)- कोबरा पोस्ट स्टिंग में फिक्सिंग- अमदाबाद के पाकिस्तान कहे जाने वाले सरखेज में 38बजरंगियों की ट्रेनिंग करवा दी, जगह का नाम तो सही बोलने को कहते भैया
कोबरा पोस्ट स्टिंग आपरेशन का एक तथ्य पूरे आपरेशन पर ही संदेह कर रहा है। इसमें कहा गया है कि रामजन्मस्थान पर बने बाबरी ढांचे को तोडऩे के लिए लक्ष्मण सेना बनाई गई थी। और इस सेना को अहमदाबाद से सरखेज में १९९२ में प्रशिक्षण दिया गया था। सरखेज पूरी तरह से मुस्लिम बहुल इलाका है और इसे मिनी पाकिस्तान भी कहा जाता है। ऐसे में इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि मुस्लिम बहुल इलाके में ३८ बजरंगियों को प्रशिक्षण दिया गया। ऐसा नहीं है कि यहां हिन्दू आबादी नहीं है पर मुस्लिमों की बसाहट ऐसी है कि कोई भी चीज उनकी नजर से बच ही नहीं सकती। यानी ये स्टिंग किसी विश्व हिन्दू परिषद वाले ने ही करवाया है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें