Translate

रविवार, 4 मई 2014

लालकिले से (भाग-91) - स्नूपगेट का सच- मोदी पर किसी लडक़ी की जासूसी के अपमानजनक आरोप को याचिका से हटाएं अन्यथा सुनवाई नहीं- सुप्रीम कोर्ट (17 जनवरी 2014)


-------------------------------------------------------------------------------------------------
स्नूपगेट वाली महिला से संबध बताने पर सुप्रीम कोर्ट निलंबित 


आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा को एक बार नहीं पूरे दो बार 

फटकार लगा चुका है।
-------------------------------------------------------------------------------------------------
जिस स्नूप गेट कांड में कांग्रेस भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी को फंसाने की कोशिश कर रही है या जिस लडक़ी से नरेन्द्र मोदी की नजदीकी बताने की कोशिश कर रही है उसी लडक़ी से नरेन्द्र मोदी के संबंध जोडऩे पर गुजरात के निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा को दो बार सुप्रीम कोर्ट फटकार लगा चुकी है।


पहली फटकार - 2011 में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में प्रदीप शर्मा ने कहा था कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप इसलिए लगाए गए है कि वे इस लडक़ी से मोदी की नजदीकियों के बारे में जानते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका से यह पैरा हटाने का निर्देश दिया था। उल्लेखनीय है कच्छ के भूकंप पुनर्वास के मामले में गड़बडिय़ों के चलते गुजरात सरकार ने 2008 में शर्मा को निलंबित कर दिया था। उन्हें खुद को निर्दोष साबित करने के लिए मोदी को कठघरे में साबित करना ही था। जब सुप्रीम कोर्ट में पहला दांव खाली गया तो उन्होंने कान घुमाकर पकड़ा। यानी कोबरा पोस्ट और गुलेल की मदद से जासूसी की खबरें चलवाईं।

दूसरी फटकार -18 जनवरी 2014 को प्रदीप शर्मा और आप ने नेता और वकील प्रशांत भूषण 
ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्नूपगेट कांड की सीबीआई जांच की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण और प्रदीप शर्मा को लताड़ते हुए कहा कि वे नरेन्द्र मोदी पर किसी लडक़ी की जासूसी करने का अपमानजनक आरोप याचिका से हटाएं अन्यथा इस पर सुनवाई नहीं होगी। शर्मा मोदी पर आरोप लगाकर अपने पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को हल्का करवान चाहते थे ताकि उन्हें राहत मिल सके।

मोदी पर पुस्तक साजिश की कहानी, तथ्यों की जुबानी लिखने वाले संदीप देव अपनी पुस्तक में बताते हैं कि प्रदीप शर्मा ने उस लडक़ी की अश्लील सीडी बनवाई थी। इसका जिक्र उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में भी किया था। शर्मा इस सीडी के आधार पर लडक़ी को ब्लेकमेल कर रहे थे। इसके बाद लडक़ी ने सीडी वाली बात अपने पिता को बताई। चूंकि उसके पिता संघ से जुड़े हुए और मोदी के करीबी थे इसलिए उन्होंने मोदी से गुहार लगाई कि- मेरी बेटी को प्रदीप शर्मा से बचाएं। इस पर मोदी ने खुद जांच आरंभ करवाई। दोनों के फोन सर्वलेन्स पर रखे गए। इसे नाम दे दिया गया जासूसी कांड। इसके बावजूद मोदी ने इसकी जांच के लिए खुद एक आयोग बना दिया।
http://www.thehindu.com/news/national/snoopgate-delete-allegations-against-modi-says-sc/article5586563.ece

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें