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शुक्रवार, 28 मार्च 2014

लालकिले से (भाग-04) - केजरी भाई जरा बताएंगे, कविराज किसकी फाच्र्यूनर में और कितने बड़े काफिले के साथ गए थे अमेठी


                                                    राहुल गांधी को घेरने के लिए सोमवार को जब कविराज अमेठी गए तो                                                                                                         तीस लाख की फाच्र्यूनर   कार में थे। उनके आगे-पीछे तीस-                                                                                 चालीस कारों का काफिला था।


केजरीवाल सोमवार को जनता दरबार के मामले में एक्सपोज हुए तो उनके कविराज चेले अमेठी में। यानी आज बहुत दिन बाद केजरी एंड कंपनी बैकफुट पर दिखी। बहुत शोर सुनते थे बाजू में दिल का पर चीरा तो कतरा ए खून न निकला की तर्ज पर तामझाम वाले मामले में कविराजअमेठी में धरे गए। दोनों गुरू-चेले खूब भाषण झाड़ते थे कि हम तो वीआईपी कल्चर, तामझाम और गाडिय़ों के काफिले के विरोधी हैं। राहुल गांधी को घेरने के लिए सोमवार को जब कविराज अमेठी गए तो तीस लाख की फाच्र्यूनर कार में थे। उनके आगे-पीछे तीस-चालीस कारों का काफिला था। गुरू ज्ञान देते हैं कि वो तो सिर्फ वैगन आर में चलना चाहते हैं। ना ना करते आप के सभी मंत्रियों ने इनोवा ले ही ली तो प्लेन के बिजनेस क्लास में चलने वाले कविराज के लिए फिर कारों की क्या कमी। मेरा केजरी भाई से सवाल है कि यह कार किसकी है और काफिले में कितनी कारें थी। यह सवाल इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि ये मानक आपने दूसरे राजनीतिक दलों से लिए निर्धारित किए हैं। इसलिए यह नियम आप पर भी लागू होता है।
आज इलेक्ट्रानिक मीडिया लंबे समय बाद संतुलित नजर आया। गोवा से मोदी ने केजरीवाल का नाम लिए बिना मीडिया पर निशाना साधा था कि जनता को टेलीविजन वाला नेता चाहिए या धरती पर विजन वाला मामला। जैसे ही केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की कि वे जनता दरबार नहीं लगाएंगे चैनलोंपर उन पर सवाल उठने शुरू हो गए। इसी बीच मोदी के जनता दरबार की सफलता की कहानी और उसके फार्मेट भी चले। रही सही कसर पटना में नीतिश के दरबार में हुए हंगाने ने पूरी कर दी। इस बीच खबर आई कि हवा से चलने वाले पानी के मीटर जल बोर्ड फिर से लगा रहा है। केजरी ने मीडिया के सामने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है। इस पर फिर सवाल उठने लगे हैं। आज कांग्रेस के प्रवक्ता चैनलों पर यह कहते हुए नजर आए कि बिजली के दामों में पचास प्रतिशत कमी नहीं हुई है। यानी केजरी झूठ बोल रहे हैं। इस पचास प्रतिशत कमी में शीला सरकार की दी हुई 25 से 30 फीसदी सब्सिडी भी शामिल है।
इस सब हंगामें के बीच केजरी का सबसे बेहतरीन फैसला दब गया। वह था रिटेल में एफडीआई को अनुमति देने के शीला सरकार के फैसले को पलतने का। इससे दिल्ली के लगभग 75 हजार किराना दुकानों को फायदा होगा। लेकिन नौटंकी के चलते ये तो होना ही था।
कविराज ने आज अमेठी में राहुल गांधी के लिए कुछ अच्छे जुमले सुनाए। आप भी गौर फरमाएं।
१. दुनिया के सबसे बड़े और ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा का डाक्टर भारतीय है। वे उसी से इलाज करवाते हैं। जबकि हमारी आदरणीय माताजी सोनिया गांधीजी इलाज के लिए विदेश जाती हैं। जब वे देश के बेटों पर भरोसा नहीं करती तो हम उनके बेटे पर क्यों भरोसा क्यों करें।
२. जब विदेश से लौटकर प्रधानमंत्री यह कहते हैं कि वे राहुल के लिए प्रधानमंत्री का पद छोड़ सकते हैं तो यह उन हजारों भारतीय बेटों का अपमान है जो अपने सामथ्र्य के बल पर आगे बढ़े हैं।
३. देश पेन में होता है और शहजादा स्पेन में होता
 हैं।

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