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सोमवार, 19 मई 2014

लालकिले से (भाग-98) - एक्जिट पोल तो ठीक है पर 16 मई को ईवीएम से आंखें चकाचौंध कर देने वाला सुनामी निकलेगा




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भाजपा और कांग्रेस में लगभग 5 करोड़ वोटों का अंतर और 1.5 करोड़ 

वोटो का महास्विंग, सीटों में कहना मुश्किल 
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1. एक्जिट पोल के औसत वोट प्रतिशत , इस बार डाले गए कुल वोट और 2009 के चुनाव में बार डाले गए कुल वोटों की तुलनात्कम स्टडी कहती है कि- भाजपा को 17. 5 करोड़ के अधिक ( पिछली बार 8 करोड़), एनडीए के सहयोगियों को 2 से 2. 5 करोड़ से बीच वोट मिलेंगे। यानी कुल 20 करोड़ वोट। 2. कांग्रेस को 12करोड़ या इससे कम पिछली बार 12 करोड़ )और उनके सहयोगियों को 2 से 2. 5 करोड़ से बीच वोट मिलेंगे। बसपा और आम आदमी पार्टी को भी दो से ढाई करोड़ वोट मिल सकते हैं। 


अन्य दलों को मिल सकते हैं 16 करोड़ वोट
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सोमवार को आए एक्जिट पोल ने संकेत दे दिए हैं कि दस साल में दो पारीाखेलने के बाद यूपीए सत्ता से एक्जिट हो रही है। अंतिम फैसला 16 मई के दोपहर 12 बजे तक लगभग स्पष्ट हो जाएगा। सवाल उठता है कि क्या जनता-जर्नादन का फैसला इस एक्जिट पोल के अनुसार ही आएगा। इससे कम या इससे ज्यादा नहींआ सकता। बिल्कुल आ सकता है। इस बार लोकसभा चुनाव में ईवीएम से चौंकाने वाले नतीजे निकलेंगे। खासकर पहली बार वोट डाल रहे मतदाता सौ फीसदी निर्णायक होंगे। इससे इस बात का भी पता चलता है कि मोदी की सभाओं में भीड़ कहां से आ रही है। इन युवाओं का रूझान मोदी की तरफ ज्यादा दिखाई देता है। मोदी ने भी अपने हर भाषण में 5 से 10 मिनट तक का समय इन युवाओं को भविष्य से सपने दिखाने में खर्च किया है।


बढ़ा हुए वोट में 9 फीसदी फस्र्ट टाइम वोटर
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देश में मोटे तौर पर 84 करोड़ मतदाता हैं। इसमें 12 करोड़ यानी लगभग साढ़े 14 फीसदी नए मतदाता या फस्र्ट टाइम वोटर है। इस आंकडें को दूसरी तरह से समझने के लिए पिछले लोकसभा चुनाव के दो आंकडों को देखें। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 12 करोड़, भाजपा को 8 करोड़ और बसपा को ढाई करोड़ वोट मिले थे। यानी पिछले चुनाव में कांग्रेस को जितने वोट मिले थे उतने फस्र्ट टाइम वोटर इस चुनाव में बढ़ गए हैं। पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु को अगर छोड़ दे तो देश में औसत 8 से 10 फीसदी प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ है। यह मतदान राज्यों में नए वोटरों की बढ़ोतरी के अनुपात में ही हुआ है। यानी सीधा-सीधा अनुमान यह है कि बढ़ा हुआ औसत 9 प्रतिशत वोट खासकर हिन्दी हार्टबेल्ट में फस्र्ट टाइम वोटर का है। इसका एक बड़ा हिस्सा मोदी के खाते में जाने का अनुमान है।

कुल 55. 5 करोड़ मतदाताओं ने डाले वोट
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इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 66 प्रतिशत वोटिंग हुआ है। यह अब तक के चुनाव में सर्वाधिक हैं। इससे पहले 1984 में इंदिरा गांधी के निधन के बाद सर्वाधिक 64 प्रतिशत वोट पड़े थे। यदि हम इस बार के वोटिंग प्रतिशत को वोटों की कुल संख्या में बदलें तो इस बार लगभग 55. 5 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले हैं। एक्जिट पोल के औसत के मान से भाजपा का वोट प्रतिशत 30 से 32 और एनडीए का 36 से 38 प्रतिशत तक जाने का अनुमान है। कांग्रेस को 20 से 22 और यूपीए को 26 फीसदी वोटों का अनुमान है। अन्य दलों को 36 से 38 फीसदी वोटों का अनुमान है। यानी भाजपा नीत एनडीए को लगभग 10 से 12 फीसदी की बढ़त।
वोटों की संख्या में बात करें तो भाजपा को 17. 5 करोड़ के अधिक, एनडीए के सहयोगियों को 2 से 2. 5 करोड़ से बीच वोट मिलेंगे। यानी एनडीए बीस करोड़ वोटों के आस-पास रहेगा।
कांग्रेस को १2 करोड़ और उनके सहयोगियों को 2 से 2. 5 करोड़ से बीच वोट मिलेंगे। बसपा और आम आदमी पार्टी को भी दो से ढाई करोड़ वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस 14 करोड़ वोटों के आस पास रह सकती है। अगर नेगेटिव स्ंिवग ज्यादा गया खासकर, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के संदर्भ में देखें तो इसमें भी 2 करोड़ वोटों का नुकसान भी हो सकता है।
अन्य दलों को लगभग 16 करोड़ वोट मिलने का अनुमान है। 

वोटों का स्विंग
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१. 2009 के चुनाव में भाजपा औ कांग्रेस के वोटों का अंतर यानी 4 करोड़ वोट।(12 करोड़ -8 करोड़ = ४ करोड़)
२. 2014 के एक्जिट पोल के औसत प्रतिशत के आधार पर इस बार भाजपा और कांग्रेस के वोटों का अंतर 5. 5 करोड वोट। (17. 5 करोड़ -12 करोड़ = 5. 5 करोड़)
३. अगर हम 2014 और 2009 के वोटों का अंतर निकालेंगे तो स्विग आ जाएगा। यह स्विंग लगभग 1. 5 करोड़ वोटों का होगा।
नोट- ये सिर्फ भाजपा और कंाग्रेस के आंकडें हैं। यूपीए और एनडीए के सहयोगी दलों के वोटों की संख्या स्विंग में शामिल नहीं है। कारण की गठबंधन में दलों के लगातार बदलाव से इनकी गणना काफी कठिन हो रही है।

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