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शुक्रवार, 28 मार्च 2014

लालकिले से (भाग-32) - मुकेश और अनिल के बंटवारे की कहानी से लोकसभा चुनाव प्रभावित करने की कोशिश, अनिल ने केजरी को मोहरा बनाकर मुकेश से किया हिसाब बराब




दो भाई। मुकेश और अनिल। मुकेश परदे के पीछे सारा काम-काज संभालते तो अनिल बाहर। ऐसा क्या हुआ कि ये दोनों अलग हो गए। आप सोच रहे होंंगे कि चुनाव के वक्त इस कहानी का क्या काम। कहानी का काम इसलिए है कि दोनों के बंटवारे की कहानी इस लोकसभा चुनाव से ज्यादातर विवादों से जुड़ी हुई है। केजरी के मुकेश व मोदी पर हमले, गैस विवाद, टूजी घोटाला, केजरी और पुण्य के मीडिया फिक्ंिसग वाले वीडियो, दिल्ली में सरकार बनाना, 350 करोड़ की सब्सिडी और बिजली महंगी कर सालाना 2 हजार करोड़ का फायदा अनिल की बिजली कंपनी को करवाना जैसे कई मुद्दे इन दोनों भाईयों से जुड़े हुए हैं। कांग्रेस इन विवादों को मीडिया में खूब चलवा रही है ताकि महंगाई और भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हट सके। इसलिए जरूरी है कि आप इस बंटवारे की कहानी को जानें जो कि कुछ ही लोगों को पता है।
दरअसल दोनों भाईयों के अगल होने की कहानी की भूमिका यूपीए वन के दौरान बनी। इस दौरान यूपीए का लगभग आधा कार्यकाल पूरी कर चुकी सरकार को हटाकर एनडीए की सरकार लाने की योजना बनाई। इसके लिए कांग्रेस के कई सहयोगी दलों को एनडीए में लाने की योजना थी। इस योजना में सांसदों की खरीद- फरोख्त के लिए बड़ी रकम का इंतजाम किया जाना था। योजना के सूत्रधार थे जार्ज। पैसे की व्यवस्था करने का जिम्मा अनिल के जिम्मे आया। सब कुछ योजना के अनुसार चल ही रहा था कि यह प्लान लीक होकर कांग्रेस के पास पहुंच गया। तब कांग्रेस ने डेमेज कंट्रोल कर लिया और सरकार बच गई। इसके कुछ ही दिन बाद शहजादे ने मुकेश को दिल्ली चाय पर बुलवाया और इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि हम आपके समूह को आज से नहंी 80 के दशक से सपोर्ट कर रहे हैं और आपका छोटा भाई हमारी सरकार को गिराने की साजिश में शामिल है। यह ठीक नहीं है। तब मुकेश ने यह कहकर अपने का बचाया कि मुझे इस प्लान के बारे में कुछ पता नहीं है और यह अनिल ने अपने स्तर पर किया। क्या आप मान सकते हैं कि इतना बड़े प्लान में अनिल अकेले शामिल हों। कांग्रेस ने मुकेश से कहा कि अगर आप इसमें शामिल नहीं हैं तो इसे साबित करो या कुछ ऐसा करो जिससे साबित हो कि यह अनिल ने अपने स्तर पर किया। परिवार की बड़ी बहू नीता पहले से ही चाहती थीं कि दोनों भाई अलग हो जाएं पर कोकिलाबेन के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा था। शहजादे की मीठी चेतावनी के बाद नीता और अपने कुछ खास सलाहकारों की सलाह पर मुकेश ने अलग होने का फैसला कर लिया।
बंटवारे में अनिल को नुकसान हुआ, कई बिजनसे भी पहले से कमजोर हुए। गैस का विवाद कोर्ट तक गया। जब अनिल को नुकसान होता गया तो उन्होंने पहले भाजपा और वामपंथी दलों के माध्यम से गैस विवाद को सुप्रीम कोर्ट पहुंचाया और फिर केजरी की मदद से मुकेश पर हमला करवाया कि वे कांग्रेस और भाजपा दोनों की सरकारें चलवाते हैं।
कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि 2 जी घोटाला भी दोनों भाइयों की तकरार के कारण ही बाहर आया।
दिल्ली में अनिल की कंपनी बिजली सप्लाई करती है इसलिए केजरी के सहारे मुकेश पर निशाना साध रहे हैं अनिल। इसलिए इस्तीफे से पहले केजरी अनिल की कंपनी को सब्सिडी के 350 करोड़ दे गए और बिजली के दाम बढ़ाकर सालाना 2 हजार करोड़ का फायदा कर गए। बदले में उन्हें चंदा और अनिल के 33 फीसदी शेयर साले सबसे तेेज चैनल में एकतरफा कवरेज मिलेगा। इसी चेनल के एक एंकर और केजरी की मीडिया फिक्ंिसग का एक वीडियो इन दिनों सोश्यल मीडिया पर वाइरल हो चुका है। इसी मीडिया गु्रप के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केजरी जयपुर से दिल्ली तक विशेष विमान से गए थे। जब उनसे पूछा कि वे प्राइवेट प्लेन में क्यों आए तो उनका जवाब था कि मीडिया ग्रुप चाहता था कि वे उनके कार्यक्रम में आएं इसलिए ग्रुप ने प्लेन भेजा और वही उसका भुगतान करेगा। इसी ग्रुप में अनिल अंबानी का पैसा लगा है। वैसे अनिल की मध्यस्थता के बाद ही कांग्रेस केजरी को समर्थन देने पर राजी हुई थी।
इसी कड़ी में अनिल के कहने पर ही केजरी के मुकेश के स्वामित्व वाले चैनल के एंकर को तोडक़र पार्टी में जोड़ा कारण कि उसके पास मुकेश के पास काफी राज थे।
केजरी की पत्नी भी आर्थिक अपराध की एक ऐसी शाखा में थी जहां कई संवेदनशील जानकारियां आतीं हैं वहां से भी कई खबरें लीक हुई हैं। गुजरात के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने बाकायदा इसके लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है।
चूकि मुकेश का गुजरात में इनवेस्टमेंट है वे पिछले साल भर से मोदी से संबंध सुधारने में लगे हैं। अनिल केजरीवाल के माध्यम से चाहते हैं कि इनके संबंध खराब हों ताकि वे गुजरात में अपना कारोबार बढ़ा सकें।
दोनों भाइयों के विवाद में केजरी को भी मीडिया मिल गया, मीडिया में रहने का मुद्दा मिल गया, मोदी पर हमला करने का विषय मिल गया, अनिल से चंदा मिल गया, मुकेश पर जितने हमले करेंगे उतने गुना चंदा उससे भी मिल ही जाएगा, 300 से ज्यादा सीटों पर चुनाव जो लडऩा है।

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