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शुक्रवार, 28 मार्च 2014

लालकिले से (भाग-35) - चीन युद्ध में हार के लिए जवाहरलाल नेहरू जिम्मेदार


1962 के चीन युद्ध में भारतीय हार की सेना की गोपनीय रिपोर्ट आस्ट्रेलियन                                          पत्रकार नेविल मैक्सवेल ने जारी की


सोलहवीं लोकसभा चुनाव में जाने से पूर्व घोटालों से जूझ रही कांग्रेस के लिए इतिहास की सबसे बुरी खबर है। चीन युद्ध में भारतीय हार की गोपनीय रिपोर्ट आस्ट्रेलियन पत्रकार नेविल मैक्सवेल ने जारी कर दी। इसमें हार के लिए व्यक्तिगत तौर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसमें बताया गया है कि सेना, रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री के बीच ठीक से तालमेल नहंी था। सेना के पास पर्याप्त हथियार नहीं थे। इससे भाजपा को कांग्रेस पर चुनाव पूर्व एक और बड़ा हमला करने का मौका मिल गया है। उधर भारत में मैक्सवेल की वेबसाइट और ब्लाग नहीं खुल रहा है मसलन ब्लाक कर दिया गया है।
चीने से युद्ध में हुई हार के कारणों क गोपनीय हेंडरसन बुक्स रिपोर्ट को आस्ट्रेलियन पत्रकार नेविल मैक्सवेल ने आनलाइन जारी कर दी। अत्यंत संवेदनशील और गोपनीय यह रिपोर्ट युद्ध में भारत की हार के बाद भारतीय सैन्य अकादमी के तत्कालीन कमाडेंट ब्रिडेगियर पीएस भगत ने तैयार की थी। तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल जेएन चौधरी ने हार की समीक्षा के कारणों और खामियों का पता लगाने के लिए ब्रिगेडियर भगत को नियुक्त किया था।  इसके युद्ध के हारने के कारणों और भारतीय वार प्लान की चर्चा की गई थी। इससे इस बात का खुलासा होगा कि उस समय भारत की रणनीति और स्थिति कितनी कमजोर थी। इस रिपोर्ट में पहले पाकिस्तान से हुई लड़ाईयों के बारे में भी विस्तार से चर्चा है।
मैक्सवेल ने भारत सरकार की अनिच्छा के बावजूद यह रिपोर्ट जारी की। उनका मानना है कि एक पार्टी और एक परिवार को बचाने के लिए यह रिपोर्ट जारी नहीं की जा रही थी।
इस रिपोर्ट में नेहरू की नीतियों का विश्लेषण करते हुए उन्हें  व्यक्तिगत तौर पर भारत की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
इससे पहले 2010 में जब इस रिपोर्ट का कुछ हिस्सा सामने आया था तब रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने संसद में कहा था कि इसमें कुछ भी खास नहीं है।
नेविल मैक्सवेल
लंदन में जन्मे नेविल मैक्सवेल  ने मैकग्रिल और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई परूी और और द टाइम ज्वाइन कर पत्रकारिता करने लगे। 1959 में दिल्ली में साउथ एशिया के ब्यूरो चीफ थे। उन्होंने भारत-चीन युद्ध पर पुस्तक भी लिखी है। उन पर चीन का पेड एजेंट लगने के आरोप भी लगते रहे हैं।


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