Translate

शुक्रवार, 4 अप्रैल 2014

लालकिले से (भाग- 56 ) - रामजन्भूमि पर स्टिंग करने वाले गोधरा कांड करने वाले सिगनलफलिया के लोगों का स्टिंग क्यों नहीं करते


तहलका, गुलेल, कोबरा, बिच्छू, सांप, नेवला, अजगर और केकड़ा वालों को मेरी चुनौती है कि अगर वे स्टिंग करने में तो इतने एक्सपर्ट हैं तो वे गोधरा के सिगनल फलिया क्षेत्र का स्टिंग क्यों नहीं करते। यहीं के लोगों ने गोधरा स्टेशन पर खड़ी साबरमती एक्सप्रेस के कारसेवकों से भरे कोच में आग लगाई थी। इसके कई आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो चुके हैं। कई को सजा भी हुई है। इसलिए सवाल उठाना बनता है। सवाल उठाने के पीछे मेरे पास पर्याप्त आधार हैं। अगर आप अगले एक साल में भी सिगनल फलिया वाला स्टिंग कर देते हैं तो आपके बाकी के सारे स्टिंगों के पीछे की मंशा पर सवाल उठाना बंद कर दूंगा। पर मुझे पता है कि आप ये नहीं कर सकते। कारण कि वहां पर जाते ही इन्हें काटकर रख दिया जाएगा। सिगनल फलिया गोधरा स्टेशन के पास ही है।

कुछ स्टिंग सही थे पर आप लगातार जिस प्रकार के एक पार्टी विशेष के खिलाफ दूसरे पार्टी विशेष के कहने पर स्टिंग करते हैं उससे आपकी मंशा पर सवाल उठते हैं। चूंकि आप पत्रकार के वेश में ये सब सुपारी किलिंग का काम करते हैं। जैसे एक स्ंिटग के आधार पर ही कुछ बजरंगियों को गुजरात दंगों के मामले में सजा हुई। ऐसे ही क्या गोधरा कांड करने वालों का स्टिंग नहीं होना चाहिए। यानी आप पत्रकार नहीं विशुद्ध रूप से ब्रोकर हैं। यानी पत्रकारिता की खाल में भेडि़ए छुपे हैं। ऐसा है तो खुले तौर पर कांग्रेस के कार्यकर्ता बनकर स्टिंग क्यों नहंी करते।
देश में हुए स्टिंग आपरेशनों का एक सच
१. पहला यह कि सारे स्टिंग संघ और बीजेपी के खिलाफ ही होते हैं।
२. कांग्रेस दूध की धुली है इसलिए उसके खिलाफ स्टिंग नहीं किए जाते। दरअसल ये स्टिंग कांग्रेस ही करवाती है।
३. ज्यादतर स्टिंग करने वाले तहलका और उसके बाय प्रोडक्ट ही हैं।
४. कई को स्टिंग करने के लिए करोडों की सुपारी भी दी गई है। इसके भी दस्तावेज मौजूद हैं।
५. तहलका में कई कांग्रेसी नेताओं का इनवेस्टमेंट है। इसके भी दस्तोवज मौजूद हैं।
६. अभी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एक पत्रकार के कथित स्टिंग को सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी करार दिया है।
७. स्नूप गेट कांड के काल रिकार्ड में किसी साहेब का जिक्र है। कहीं भी मोदी का नाम नही है। गुजराती में साहेब यानी सर होता है मोदी नहीं।

संघ वालों को स्टिंग विंग खोल लेना चाहिए

इस हिसाब से अब संघ वालों को पांचजन्य और आर्गनाइजर में एक स्टिंग विंग खोल लेना चाहिए। ताकि गुलेल और कोबरा वालों का मुकाबला किया जा सके। वैसे अगर बिना सुपारी लिए सच के समर्थन में साफ नीयत से स्टिंग किए जाएं तो देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने में बड़ी आहूति दी जा सकती है।
पर शेर है ना- ये बदन से नहीं जेहन से अपाहिज हैं, वहीं कहेंगे जो रहनुमा बताएगा।

एक और एसाइनमेंट

क्या ये स्टिंग वाले ये पता कर सकते हैं कि सोनिया गांधी विदेश में अपना उपचार कराने कहां जाती हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें