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बुधवार, 9 अप्रैल 2014

लालकिले से (भाग-66 )- सवा सौ करोड़ भारतीयों के गौरव के लिए सीधी अंंगुली से घी निकालें



नौ चरण के मतदान का तीसरा और निर्णायक चरण आज से आरंभ हो चुका है। सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों के भाग्य की नई इबारत इन नौ चरणों के बाद लिखी जाएगी। इस इबारत को शब्द हमें ही देने हैं मतदान कर। आज 11 राज्यों और 3 केन्द्रशासित प्रदेशों की 91 सीटों पर वोट पडेंगे।
भारतीय लोकमानस में एक कहावत है कि घी सीध अंगुली से नहीं निकलता पर ये नौ दौर हमें देते हैं सीधी अंगुली से घी निकालने का मौका। यानी मतदान। मतदान जरूर करें। खुद करें और आस-पास के लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करें। अपनी पसंद के अनुसार मतदान करें। मतदान जरूर करें।

आजादी के पहले एक शेर प्रचलित था - खीचों ना तीरों को न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो अखबार निकालो। 
अब इसमें हम यह बदलाव कर सकते हैं- खीचों ना तीरों को न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो तो वोट डालो। 


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