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रविवार, 6 अप्रैल 2014

लालकिले से (भाग-61)- यूपी में दंगों का बड़ा कारण लव जेहाद और इसी के खिलाफ जाटों ने लड़ाई का आगाज किया था मुजफ्फरनगर में




गैर इस्लामी लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर विवाह कर मुस्लिम      बनाने की यह मुहिम लव जेहाद या जेहाद फार लव के नाम से        दुनिया भर में जानी जाती है।


अमित शाह के बयान के भले ही आप कितने अर्थ निकाल लें लेकिन उन्होंने यूपी के हिन्दूओं की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। शाह ने शामली में कहा था कि- उत्तरप्रदेश खासकर पश्चिम उत्तरप्रदेश के लोग चुनाव में अपना सम्मान बचाने और अपमान का बदला लेने के लिए वोट करें। उनका सीधा ईशारा बहू-बेटियों की ओर था। यूपी और खासकर पश्चिमी यूपी के कस्बों में लव जेहादी मनचलों के कारण हिन्दू लड़कियों का घर से बाहर निकला तक दूभर है। उनकी आबरू खतरे में रहती हैं। भाई या पिता के पहरे में स्कूल, कालेज जाने का मजबूर हैं।

यूपी में दंगों का बड़ा कारण हिन्दू लड़कियों से छेडख़ानी


दरअसल यूपी में अखिलेश यादव की सरकार आने के बाद हुए सवा सौ दंगों में से ज्यादातर दंगों की वजह हिन्दू लड़कियों से ही जाने वाली छेड़छाड़ की घटना के बाद हुए विवाद हैं। खासकर पश्चिम यूपी में मुस्लिम बहुलता के कारण छेड़छाड़ के मामले ज्यादा हो रहे हैं। दरअसल इस छेड़छाड़ के पीछे मकसद लड़कियों को फुसलाकर उन्हें प्रेमजाल में फंसाकर उनसे शादी करना या शोषण करना है। गैर इस्लामी लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर विवाह कर मुस्लिम बनाने की यह मुहिम लव जेहाद या जेहाद फार लव के नाम से दुनिया भर में जानी जाती है। इसके लिए बाकायदा सुनियोजित इंटरनेशनल नेटवर्क है। इसके तहत लडक़ों को प्रशिक्षण और फंडिग भी की जाती है। लडक़ी को भगाने के बाद कुछ दिनों तक हैदराबाद या अन्य दक्षिणी शहरों में भेज दिया जाता है। दक्षिण भारत के ऐसे ही मामलों में जोड़े को यूपी भेज दिया जाता है।

यूपी में दंगों का बड़ा कारण हिन्दु लड़कियों से छेडख़ानी


पश्चिम उत्तरप्रदेश में खासकार कस्बों में हालात इतने ख्खराब हैं कि या तो मां-बाप बेटी को पढऩे के लिए ही नहीं भेजते और भेजते हैं तो भाई और पिता को बाडीगार्ड बनकर। मुजफफरनगर दंगे की मूल घटना याद कीजिए। दो बहनों को कुछ लडक़े स्कूल जाते समय रास्ते में छेड़ते थे। लडक़ी ने घरवालों को इस बारे में बताया तो अगले दिन से भाई उनके साथ आने लगा। भाई के सामने जब बहन को छेड़ा गया तो उसने इसका विरोध किया। इस विरोध ने बड़े विवाद का रूप ले लिया और छेडख़ानी करने वाला मारा गया। पुलिस मूक बनी रही। प्रतिक्रिया में लडक़ी के भाई सहित दो की हत्या कर दी गई। पुलिस ने कुछ नहीं किया कारण कि उस पर कार्रवाई नहीं करने के लिए एक आला मंत्री का दबाव था। इसके बाद जाति पंचायतें बैठीं और दंगा भडक़ गया। यानी प्रशासन और पुलिस समय रहते हरकत में आ जाते तो ये दंगा नहीं होता।

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